बीते कुछ दिन पहले तक बारिश ने पूरे पहाड़ी इलाकों में जमकर तबाही मचाई थी, जिसके चलते अभी पूरी रिकवरी भी नहीं हुई थी की एक बार फिर शिमला से सोलन तक भारी बारिश ने किया मचाया भीषण बूचाल बता दें शिमला में भारी बारिश में शिव मंदिर ढाया तो सोलन में बदल फटने से दो घर पानी में बह गए।
उतराखंड से हिमाचल तक भारी बारिश ने फिर मचाया तांडव। नदी और नाले उफान पर है। शिमला में भारी से शिव मंदिर भी ढह गया तो वही सोलन में बदल फटने से दो घर पानी में बह गए। दूसरी तरफ लैन्स्लाइड के कारण लोगों के आने जाने पर रोक लगा दी गई है। हिमाचल प्रदेश के काफी जिलों में पिछले 24 घंटों से भारी बारिश जारी है। तो वही शिमला में शिव मंदिर ढह गया जिसके चलते मंदिर के मलबे में 50 लोग दब गए है। बता दें 9 लोगों के शव बाहर निकले जा चुके है। बकियों के लिए सर्च ऑपरेशन किया जा रहा है।
सोलन में भी 7 लोग मारे गए
हिमाचल प्रदेश में सिथ्त सोलन में बदल फटने से दो घर पानी में बह गए। इसके अलावा 7 लोगों की मौत भी ही गई है। जबकि यहा से 6 लोगों को रेस्क्यू किया गया है। जिसका मतलब ये है की अकेले हिमाचल में ही भारी बारिश से 16 लोगों की जान जा चुकी है।
इसी के साथ, उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में भी भीषण बारिश से डिफेन्स कॉलेज की बिल्डिंग ढह गई है।
दरअसल शिमला के शिव मंदिर में सावन सोमवार के मौके पर करीब 50 लोग मंदिर शिव जी की पूजा करने पहुंचे थे। लेकिन करीब 48 घंटे से लगातार जारी बारिश के कारण यहा धायावला गाँव में लैन्स्लाइड हुआ और शिव मंदिर ढह गया। अचानक से हुई इस घटना के कारण 50 लोग मंदिर के मलबे के नीचे दब गए। जिसके बाद आनन-फानन में राहत आपदा लोगों को बुलाया गया और मलबे को हटाया की कवायत शुरू की तो कुछ ही घंटों में मलबे में से 9 शवों को बरामद कर लिया गया हालांकि सर्च ऑपरेशन अभी जारी है।
आपको बता दें देर रात हिमाचल के सोलन में बदल फटने से 7 लोगों की मौत हो गई तो वही दो घर भी पानी में बह गए। हालांकि 6 लोगों को रेस्क्यू भी किया गया है। बदल फटने की तस्वीरे सामने आई है जिसको देख लग रहा है वहा का मंजर कितना भयानक होगा। बता दें दो घर से साथ एक गोशाला भी पानी में बह गई है।
हिमाचल के कई पारीक्षाए भी रद्द की गई है साथ ही, भारी बारिश के कारण होने वाली तमाम क्लासेस और राज्य के शिक्षक स्थानों को भी बंद रखने का आदेश जारी किया गया है। बताया जा रहा है, छात्रों की सुरक्षा को देखते हुए सीएम सुखविंदर सिंह सुकखू ने लिया फैसला लिया है।