अक्सर कहा जाता है कि जो व्यक्ति ज्यादा सोचता है वह हमेशा सोचता ही रहता है लेकिन कुछ कर नहीं पता लेकिन क्या कभी आपने सोचा है की ज्यादा सोचने से भी दिमाग पर असर पड़ता है और इंसान की सोचने के क्षमता भी कम होती है इसके अलावा ज्यादा सोचने से इंसान कई बीमारियों का शिकार भी हो सकता है अगर नहीं सुना तो आज हम आपको बता ने जा रहे है ज्यादा ओवरथिंकिंग करने से किन-किन बीमारियों का शिकार हो सकते है।
ज्यादा ओवरथिंकिंग बना सकती है आपको इन बीमारियों का शिकार
आपको बता दें, दुनिया में 70% लोग दिन बार कुछ न कुछ सोचते ही रहते है अन्य लोगों के मुकाबले उन लोगों का दिमाग कभी शांत नहीं रहता वह हर वक्त अपने दिमाग में कुछ न कुछ बाते सोचते रहते है। लेकिन क्या आप जानते है पूरा दिन दिमाग में कुछ ना कुछ चलना दिमाग के लिए तो नुकसानदायक है ही लेकिन इसका बुरा असर आपकी सेहत पर भी पढ़ सकता है। क्योंकि ऐसा माना जाता है जब आप अपने दिमाग में कुछ ना कुछ सोचते है तो दिमाग पर बहुत प्रेशर पड़ता है जिसका असर शरीर के बाकी अंग में भी पड़ता है। जिसके कारण आपके शरीर के हार्मोनल पर भी बुरा असर होता है। वही, दिमाग पर स्ट्रेस भी पड़ता है। जिसके कारण आपका दिमाग आपको सही तरह से कुछ काम नहीं करने देता बस एक जगह बैठकर कुछ न कुछ सोचता ही रहता है। यही कारण है आपको भूख, प्यास भी नहीं लगती और नींद पर भी गहरा असर [पड़ता है। ऐसे में आपको कई गंभीर बीमारिया घेर लेती है जिसका पता आपको शुरुआत में नहीं चलता।
ज्यादा सोचने से कौन-कौन सी बीमारिया हो सकती है
हाई बीपी जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है ज्यादा सोचने से
आपको बता दें, अगर पूरा दिन आपका दिमाग चलता ही रहे तो आप को हाई बीपी की समस्या हो सकती है। क्योंकि दिमाग पर स्ट्रेस रहने पर शरीर से हार्मोन का प्रोडक्शन बढ़ता है। जिसके चलते ये हार्मोन दिल की धड़कन को तेजी से बढ़ाता है साथ ही, ब्लड वेसेल्स भी तेजी से काम करता है। बता दें, ये प्रतिक्रिया कुछ समय के लिए बीपी को बढ़ा देती है। और यही कारण है जिससे आप हाई बीपी के शिकार बन सकते है।
नींद पूरी नहीं हो पाती
दरअसल ज्यादा सोचने से आपका दिमाग रेस्ट मोड पर नहीं जाता है जिसके कारण आपको नींद नहीं है दिमाग में चलती बाते आपको बेहद ज्यादा परेशान करते है। इसके कारण नींद के हार्मोन में बुरा असर पड़ता है और आपकी स्लीपिंग साइकिल काफी ज्यादा डिस्टर्ब हो जाती है। इसके अलावा आपको इनसोंमिनिया और स्लीप एप्रिया की बीमारी अपना शिकार बना सकती है।
ज्यादा दिमाग चलने से डिप्रेशन के शिकार हो सकते हो
डिप्रेशन के ऐसी बीमारी है जो कि ज्यादा सोचने से ही होती है। हालांकि कई लोग इसको अकेलेपन का नाम भी देते है लेकिन एक्स्पर्ट्स के मुताबिक जब हमारा दिमाग ज्यादा सोचने लग जाता है तब हमें कुछ ऐसी ऐसी बाते भी याद आ जाती है जिससे हमे डिप्रेशन हो सकता है। वही, इसका दूसरा कारण ये भी बताया जाता है की ज्यादा सोचने से आपके ब्रेन के अंदर से सुस्त पढ़ जाता है और उसकी सोचने समझने की क्षमता कम होती जाती है। इसके अलावा ज्यादा सोचने से दिमाग में ज्यादातर बुरी बातें ही याद आती है जिससे इंसान को काफी बुरा लगता है और धीरे-धीरे उसे सबसे अलग करता है। और फिर यही सोच कब दुख में बदल जाती है पता नहीं चलता जिसके चलते आप डिप्रेशन का शिकार हो जाते है।
पर्सनैलिटी डिसऑर्डर से जुड़ी बीमारी हो सकती है
आप को जानकर हैरानी होगी कि ज्यादा सोचने से पर्सनैलिटी डिसऑर्डर का शिकार भी हो सकते है लेकिन हाँ ऐसा हो सकता है। दरअसल जब भी आप ज्यादा सोचते है तो आपके दिमाग में कई ऐसी बातें आ जाती है जिससे आपको काफी डर लगने लगता है और घबराहट भी हो जाती है और कई बार तो भविष्य की चीजों को लेकर आप काफी डिस्टर्ब भी हो सकते है। ये चीज जब गंभीर रूप लेने लगता है तो ये आपके आज पर काफी बुरा असर डलता है जिसके चलते आप पर्सनैलिटी डिसऑर्डर के शिकार हो जाते है तो हमारा कहना यही है की आप जल्द से जल्द इस आदत को छोड़ाए और हेल्थी जीवन बिताए।
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Disclaimer : इस आर्टिकल में लिखी तमाम बातें सामान्य जानकारी के लिए है। इसलिए पाठक पहले एक्स्पर्ट्स और डॉक्टर की सलाह जरूर ले। News Or Kami की और से दी गई जानकारी का कोई दावा नहीं किया जा रहा है।