नई दिल्ली: मंत्रिमंडल ने बुधवार को इस क्षेत्र में 94,000 करोड़ रुपये के निवेश को आकर्षित करने के उद्देश्य से ‘उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल पर राष्ट्रीय कार्यक्रम’ पर 19,500 करोड़ रुपये के उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को मंजूरी दी। से अपेक्षित लाभों में से एक पीएलआई योजना यह है कि लगभग 65,000 मेगावाट प्रति वर्ष पूर्ण और आंशिक रूप से एकीकृत सौर पीवी मॉड्यूल की विनिर्माण क्षमता स्थापित की जाएगी।
कैबिनेट के निर्णय, सूचना एवं प्रसारण मंत्री के बारे में जानकारी देते हुए अनुराग ठाकुर कहा कि इस क्षेत्र में करीब 2 लाख प्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे।
राष्ट्रीय कार्यक्रम का उद्देश्य भारत में उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल के निर्माण के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में आयात निर्भरता को कम करना है।
इस पहल से लगभग 1.37 लाख करोड़ रुपये के आयात प्रतिस्थापन को कम करने की उम्मीद है।
सौर पीवी निर्माता पारदर्शी चयन प्रक्रिया के माध्यम से चयन किया जाएगा। सौर पीवी विनिर्माण संयंत्रों के चालू होने के बाद 5 वर्षों के लिए पीएलआई का वितरण किया जाएगा और घरेलू बाजार से उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल की बिक्री को प्रोत्साहित किया जाएगा।
कैबिनेट के निर्णय, सूचना एवं प्रसारण मंत्री के बारे में जानकारी देते हुए अनुराग ठाकुर कहा कि इस क्षेत्र में करीब 2 लाख प्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे।
राष्ट्रीय कार्यक्रम का उद्देश्य भारत में उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल के निर्माण के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में आयात निर्भरता को कम करना है।
इस पहल से लगभग 1.37 लाख करोड़ रुपये के आयात प्रतिस्थापन को कम करने की उम्मीद है।
सौर पीवी निर्माता पारदर्शी चयन प्रक्रिया के माध्यम से चयन किया जाएगा। सौर पीवी विनिर्माण संयंत्रों के चालू होने के बाद 5 वर्षों के लिए पीएलआई का वितरण किया जाएगा और घरेलू बाजार से उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल की बिक्री को प्रोत्साहित किया जाएगा।